लेखनी कहानी -28-May-2023 अनोखी शादी
शीर्षक = अनोखी शादी
"पता नही वो कोनसी अनोखी शादियां होती है, जो बिना किसी रिश्तेदार की नाराज़गी बिना निबट जाती है,यहां तो एक एक रिश्तेदार को मनाना पड़ रहा है, शादी न हो गयी जान -ए - बवाल हो गयी, इससे अच्छा तो कोर्ट मैरिज ही कर लेता, कम से कम ये सबको मनाने के झंझट ही ख़त्म हो जाता " हमजा ने अपने कमरे से कहा बाहर घर के काम में लगी अपनी अम्मी से
"ऐसा ही होता है, शादी ब्याह के मामलो में, इसी का नाम दुनियादारी है, कल को खानदान में मुझे ही बाते सुनने को मिलेंगी कि बेटे की शादी करदी और ससुराल वालों को बुलाया तक नही, खास कर तुम्हारी फुफ्फी वो तो पहले से ही नाराज़ बैठी है, वो अगर शादी में नही दिखी तो लोग तो मुझसे ही पूछेंगे कि एक फूफी उसे भी नही बुलाया और तो और तुम्हारे पापा, उन्हें कितना बुरा लगेगा की उनके बेटे की शादी में उनकी बहन ही नही आ रही है और फिर उनकी नाराज़गी का गुस्सा मुझ पर उतरेगा पूरी शादी मेरी ही ख़राब होगी " हमजा की अम्मी ने कहा
"अम्मी, फुफ्फो की नाराज़गी की वजह क्या है? क्यूँ वो नाराज़ है? क्यूँ वो हमारे घर नही आ रही है?" हमजा ने कहा कमरे से बाहर आकर
"तू तो इस तरह पूछ रहा है मानो तुझे कुछ पता ही नही हो, क्या तुझे नही पता अपनी फुफ्फो की नाराज़गी की वजह, वो अपनी नन्द की बेटी को तेरे लिए करके लाना चाहती थी और तूने साफ मना कर दिया, अब उन्हें बुरा लग गया इसलिए तो वो अब तेरी शादी की किसी भी रस्म में भाग लेना नही चाहती, देखा नही तूने हमारे जाने पर भी वो तेरे होने वाली दुल्हन के जोड़े कटने ( दुल्हन का शादी का जोड़ा कटने की रस्म ) पर भी नही आयी मैं और तेरे पापा गए थे फिर भी नही आयी " हमजा की अम्मी ने कहा
"अम्मी, अपनी अपनी पसंद है, मुझे वो लड़की पसंद नही थी, वैसे तो उसमे कोई बुराई नही थी लेकिन वो बहुत बातूनी लड़की है, और आप जानती हो मुझे ज्यादा बोलने वाले लड़के और लड़कियां दोनों ही पसंद नही है, इसलिए मैंने मना कर दिया था " हमजा ने कहा
"वो बात सही है, तेरी फुफ्फो भी जानती है, लेकिन सबसे ज्यादा बुरा उन्हें इस बात का है, कि उनके भाई के घर में उनकी पसंद की नही बल्कि मेरी बहन के देवर की बेटी आ रही है, जबकी उसे तूने खुदने पसंद किया है इसमें मेरा या तेरी खाला का कोई हाथ नही है, ये बात उन्हें ज्यादा दुख दे रही है " हमजा की अम्मी ने कहा
"हिना तो मुझे पहले से ही पसंद थी, इसलिए ही तो मैंने अपना रिश्ता उसके यहां भेजा था आपसे कहकर, अब इंसान जिससे प्यार करेगा उसी से तो शादी करेगा,कोई जबरदस्ती तो किसी के दिल में अपने लिए जगह नही बना सकता या फिर किसी से प्यार कर सकता है " हमजा ने कहा
"ये बात तू अपनी फूफी को समझाना, इसलिए तू मेरे साथ चल रहा है, इससे पहले तेरे पापा को भी मनाना पड़े " हमजा की अम्मी ने कहा
"ठीक है, चलेंगे भला हमारे यहां की कोई शादी ऐसी है जिसमे रिश्तेदारों के आगे माफ़ी तलाफ़ी ना करना पड़े इन सब के बिना तो शादी अधूरी ही लगती है, अब तो ये एक रस्म बना देना चाहिए नाराज़ रिश्तेदारों को मनाने की क्यूंकि उनके नाराज़ हुए बिना शादी मुकम्मल हो गयी तो वो शादी किसी अनोखी शादी से कम न होगी " हमजा ने कहा
"हट, पागल कुछ भी कहता है, इंसान उसी से तो नाराज़ होता है जिसे वो अपना समझता है, वरना ऐरे गेरे से कोई नाराज़ क्यूँ होगा? चल अब जल्दी तैयार हो जा फिर चलते है तेरी फूफी के घर तुझे पता है, तेरी कजिन शाजिया का फ़ोन आया था मेरे पास कह रही थी मामी, अम्मी को बस हमजा भाई ही मना सकते है वरना वो उनकी शादी में भी नही आएँगी और हमें हमजा भाई की शादी की सारी रस्मो में एन्जॉय करना है" हमजा की अम्मी ने कहा
आखिर कार हमजा तैयार होकर अपनी नाराज़ फूफी को मनाने चला जाता है, पहले तो उन्होंने बहुत सी शिकायते की सबसे पहले तो अपने लाये रिश्ते को मना करने पर सवाल किए
लेकिन ज़ब हमजा ने उन्हें बताया की वो हिना से प्यार करता है, उसे बहुत अरसे से चाहता है और वो भी उसे पसंद करती है, उसी के इंतज़ार में वो बैठी थी अब तक, वरना वो कब की शादी करके अपना घर बसा चुकी होती
अगर वो उनकी बताई लड़की से शादी कर लेता तो इस तरह वो कई ज़िन्दगीया ख़राब कर देता, वो हिना से बहुत पहले शादी कर लेता लेकिन वो पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता था
अपने भतीजे की बात सुन आखिर कार उनका गुस्सा ठंडा हो गया, उन्हें भी समझ आ गया अगर वो उस लड़की की शादी हमजा से करा देती तो बेचारी बेवजह समझौते के रिश्ते में बंध कर रह जाती
अब ज़ब सब अच्छा हो गया, तब सब ने अच्छे से हमजा की शादी की सारी रस्मे हसीं ख़ुशी अदा की और फिर आखिर कार हमज़ा और हिना के प्यार को एक नाम मिल गया था वो दोनों शादी के बंधन में बंध गए थे,
समाप्त.....
प्रतियोगिता हेतु
madhura
25-Jun-2023 12:07 PM
good one
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kashish
17-Jun-2023 04:53 PM
very nice
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ऋषभ दिव्येन्द्र
28-May-2023 12:36 PM
लाजवाब और उम्दा कहानी
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